एन जी ओ फैमिली के प्रोजेक्ट लेने के लिए संस्थायों की लगी लाइन , प्रत्येक जिला मे केवल एक संस्था को दिये जाने है प्रोजेक्ट

 

श्री गंगानगर से रजत सोनी की विशेष रिपोर्ट

आजकल मार्केट मे एक और जहाँ मंहगाई की मार से आम आदमी परेशान है वही करोना काल के बाद बंद बड़े स्थानीय एन जी ओ व क्षेत्रीय संस्थाओ का बहुत बुरा हाल है। किसी भी संस्था के पास कोई सरकारी या गैर सरकारी प्रोजेक्ट नहीं होने के कारण देश मे बहुत सी संस्थाएं बंद हो चुकी है व बहुत सारी संस्थायों के पास ऑफिस खर्च तक नही होने के कारण बंद होने के कगार पर है।

वहीं दूसरी और *अंतर्राष्ट्रीय एन जी ओ फैमिली* जो की बहुत सारी समाझ सेवी संस्थायों का समूह है ने मार्केट मे विभीन्न् तरह के प्रोजेक्ट की ऑफर करके क्षेत्रीय संस्थाओं के संचालकों के चेहरों पर मुस्कान ला दी है । इससे प्रोजेक्ट लेने के लिए संस्थाओं मे होड़ सी लगी हुई है। हमारे संवाददाता रजत सहदेव की इस एन जी ओ फैमिली के स्टेट कोर्डिनेटर श्री अशोक कुमार से मुलाक़ात हुई पेश है उनसे हुए कुछ सवाल जवाब :-

सवाल (रजत) : आपकी संस्था एन जी ओ फैमिली के बारे मे बताएं ?

जवाब (अशोक कुमार) : एन जी ओ फैमिली खुद एक बहुत बड़ा संस्थाओं का समूह है जो देश व विदेश मे कार्य मे कार्य करता है।

सवाल : (रजत) इसमे किस तरह से कार्य होते है यानी प्रोजेक्ट चलाये जाते है?

जवाब (अशोक कुमार) : हम देश मे विभिन्न क्षेत्रीय संस्थाओं को उनके हि एरिया मे प्रोजेक्ट चलाने के लिए उनसे अनुबंद करते है । हमारे यहाँ 20 से भी ज्यादा तरह के प्रोजेक्ट डिज़ाइन किये गये है उनमे से कोई भी संस्था अपने जिले मे प्रोजेक्ट चला सकती है।

सवाल ( रजत) : इसमे किसी संस्था को प्रोजेक्ट लेने के लिए पहले कितना इन्वेस्टमेंट करना पड़ता है?

जवाब (अशोक कुमार) : हमारे यहाँ प्रोजेक्ट लेने के लिए किसी भी संस्था को कोई इन्वेस्टमेंट नही करनी पड़ती, केवल संस्था से जुड़े किसी भी 2 लोगों को हमारी सदस्य्ता लेनी होती है जिसमे के 501 रूपए सदस्य्ता शुल्क देना होता है। बाकी उनको अनुभव होना चाहिए उस प्रोजेक्ट को चलाने का। हमलोग लिखित अनुबंद करके ही उनको प्रोजेक्ट देते हैं।

सवाल (रजत) : आपके यहाँ से प्रोजेक्ट लेने वाली संस्थाओं को आपके द्वारा कब कब भुगतान किया जाता है?

जवाब (अशोक कुमार) : किसी भी संस्था द्वारा अपने क्षेत्र मे सभी फॉर्मेलिटी पुरी करने के बाद एक सप्ताह पहले उस प्रोजेक्ट की कुल राशि का 20 फिशदी भुगतान कर दिया जाता है। सेंटर सही संचालित होने पर हर 15 दिन बाद 20 प्रतिशत राशि का भुगतान कर दिया जाता है यानी कुल 2 माह मे प्रोजेक्ट की पुरी राशि का भुगतान दे दिया जाता है।

सवाल (रजत) : कोई भी संस्था अपने जिले मे कितने सेंटर खोल सकती है?

जवाब (अशोक कुमार) : एक जिले मे अधिकतम 10 सेंटर एक हि तरह के खोल सकती है। एक संस्था को अधिकतम दो तरह के सेंटर खोलने की अनुमति दी जाति है यानी दोनो टाइप के 10/10 सेंटर खोले जा सकते हैं।

सवाल (रजत) : एक जरूरी सवाल कोई भी संस्था आपके द्वारा चलाये गये प्रोजेक्ट मे अपने लिए बचत कैसे करेगी?

जवाब (अशोक कुमार): संस्थाओं को सभी खर्चों के अलावा उनकी खुद की बचत के लिए विशेष ध्यान दिया गया है जिन्होंने अपना कीमती समय लगाना है उनको अगर कुछ दिया जायेगा तभी वो अच्छे से कार्य कर पाएंगे।

सवाल (रजत) अब तक आपके पास कितनी संस्थाओं के आवेदन आ चुके हैं?

जवाब (अशोक कुमार): पिछले 15 दिन मे हमारे पास 400 से अधिक संस्थाओ के आवेदन आ चुके हैं जिसमे से अभी अनुबंद की प्रकिर्या 1 जुलाई से प्रारम्ब की जाएगी।

सवाल (रजत) : आपकी संस्था के मुख्य उदेश्य क्या क्या है ?

जवाब (अशोक कुमार): इसके बहत सारे उदेश्य हैं जिसकी फोटो आपको दे देते है। 


सवाल (रजत) आपकी संस्था से जुड़ने पर आम आदमी को क्या फायदा होगा?

जवाब (अशोक कुमार) हमारी संस्था से जुड़ने के लिए प्रत्येक महिला पुरुष को एक फार्म भरना होता है व सदस्य्ता शुल्क 501 रूपए संस्था के बैंक अकाउंट मे जमा करवाना पड़ता है इसके उनको बहुत सारे फायदे होते हैं जिसका बैनर दे देते हैं आप साथ मे लगा देना जी।

सवाल (रजत) : बस एक सवाल और आपकी संस्था ने बेटियों की शादी के लिए भी योजना दी है उसके बारे मे भी बताएं?

जवाब (अशोक कुमार): बिल्कुल हमारी संस्था ने अपने साथ जुड़ने वाले सदस्यों की बेटी की शादी मे विभिन्न तरह के उपहार देने की योजना जिसका नाम शगुन स्कीम है चलाई गयी है इसमे क्या क्या दिया जाना है इसके लॉयड आपको शगुन स्कीम वाला बैनर दे रहे है इसे प्रिंट करवा देना ये आपकी तरफ से समाज सेवा होगी।

 

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